बहारो की जान

मुक्तक - बहारो की जान।

इठला के चलो बलखा के चलो 
तुम हसीन हो जरा लहरा के चलो
मुस्कुरा के चलो खिलखिला के चलो
 दीवाने का दिल जला के चलो।

इश्क किया मगर दिल दिया  
और न लिया मेरी जानेमन जान हो तुम।
इश्क किया इकरार करने का हौसला रखो
 मुझसे नजरे मिला के चलो।।

श्याम कुंवर भारती

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3 Comments

Punam verma

12-Nov-2023 08:36 AM

Nice👍

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बेहतरीन

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Reena yadav

11-Nov-2023 07:22 PM

👍👍

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